भारतीय व्यंजनों की दुनिया में, मालपुआ एक ऐसा मीठा पकवान है जो अपनी अनूठी बनावट और स्वाद के लिए जाना जाता है। यह एक पारंपरिक पैनकेक जैसा व्यंजन है जिसे अक्सर त्योहारों और विशेष अवसरों पर बनाया जाता है। वैसे तो मालपुआ देश के कई हिस्सों में लोकप्रिय है, लेकिन बिहार की अपनी एक खास दूध के मालपुआ बनाने की बिहारी विधि है, जो इसे और भी स्वादिष्ट और समृद्ध बनाती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको बिहारी मालपुआ बनाने की आसान और प्रामाणिक विधि बताएंगे, ताकि आप भी घर पर इस पारंपरिक मिठाई का आनंद ले सकें।
बिहारी मालपुआ ही क्यों? इसकी खासियत क्या है?
बिहारी मालपुआ अपनी खास तैयारी के लिए जाना जाता है, जहाँ दूध को धीमी आंच पर पकाकर गाढ़ा किया जाता है, जिससे एक रबड़ी जैसी बनावट आती है । यह प्रक्रिया मालपुआ को एक गहरा, मलाईदार स्वाद और नरम, रसीली बनावट देती है जो इसे अन्य क्षेत्रों के मालपुआ से अलग करती है। इसमें अक्सर केसर, कसा हुआ नारियल और पका हुआ केला भी मिलाया जाता है, जो इसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है । यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि बिहार की समृद्ध पाक विरासत का प्रतीक है।

दूध के मालपुआ बनाने की सामग्री (Ingredients for Bihari Milk Malpua)
मालपुआ के बैटर के लिए:
- दूध: 1 किलोग्राम (या आवश्यकतानुसार)
- मैदा: 1 कटोरी
- सूजी: मैदा की आधी मात्रा (वैकल्पिक, बैटर को कुरकुरापन देने के लिए)
- चीनी: 1 कटोरी (या स्वादानुसार)
- केसर के धागे: एक चुटकी
- घी: 1-2 चम्मच (बैटर में मिलाने के लिए)
- कसा हुआ नारियल: थोड़ा सा
- पका हुआ केला: 1 (कद्दूकस किया हुआ)
- किशमिश: 1 चम्मच (वैकल्पिक)
चाशनी के लिए:
- चीनी: आधा कप
- पानी: आधा कप
- इलायची पाउडर: 1/2 चम्मच
तलने के लिए:
- घी या तेल: तलने के लिए पर्याप्त
दूध के मालपुआ बनाने की बिहारी विधि (Step-by-Step Bihari Malpua Recipe)
यह आसान विधि आपको घर पर ही स्वादिष्ट और पारंपरिक बिहारी मालपुआ बनाने में मदद करेगी:
स्टेप 1: दूध को गाढ़ा करना और रबड़ी बनाना
- एक भारी तले वाले पैन या कड़ाही में 1 किलोग्राम दूध लें और इसे मध्यम आंच पर गरम करें ।
- दूध में केसर के धागे और 1-2 चम्मच घी मिलाएं ।
- दूध को लगातार चलाते रहें और तब तक पकाएं जब तक यह गाढ़ा होकर रबड़ी जैसी कंसिस्टेंसी का न हो जाए । इसे ठंडा होने दें।
स्टेप 2: मालपुआ का बैटर तैयार करना
- एक बड़े कटोरे में मैदा और सूजी (यदि उपयोग कर रहे हैं) लें ।
- इसमें चीनी मिलाएं। आप अपनी पसंद के अनुसार चीनी की मात्रा कम या ज्यादा कर सकते हैं ।
- अब इसमें तैयार की हुई गाढ़ी रबड़ी (ठंडी होने पर), कसा हुआ नारियल और कद्दूकस किया हुआ पका केला मिलाएं ।
- यदि आप किशमिश डाल रहे हैं, तो उसे भी इस मिश्रण में मिला दें ।
- सभी सामग्री को अच्छी तरह से फेंट लें ताकि कोई गांठ न रहे। बैटर न तो बहुत गाढ़ा होना चाहिए और न ही बहुत पतला । इसे लगभग 15-20 मिनट के लिए ढककर रख दें ताकि सूजी फूल जाए (यदि उपयोग की गई हो)।
स्टेप 3: चाशनी तैयार करना
- एक अलग पैन में आधा कप चीनी और आधा कप पानी डालकर मध्यम आंच पर गरम करें ।
- चीनी के घुलने तक और चाशनी के थोड़ा गाढ़ा होने तक पकाएं। हमें एक तार या दो तार की चाशनी नहीं बनानी है, बस एक चिपचिपी चाशनी चाहिए।
- आंच बंद कर दें और इसमें इलायची पाउडर मिलाएं । चाशनी को एक तरफ रख दें।
स्टेप 4: मालपुआ तलना
- एक कड़ाही में तलने के लिए पर्याप्त घी या तेल गरम करें। घी में तलने से मालपुआ का स्वाद और भी बढ़ जाता है।
- जब घी मध्यम गरम हो जाए, तो एक बड़ा चम्मच बैटर लें और धीरे से गरम घी में डालें । एक बार में 2-3 मालपुआ ही तलें, ताकि वे आपस में न चिपकें।
- मालपुआ को धीमी से मध्यम आंच पर सुनहरा भूरा और कुरकुरा होने तक तलें ।
- तलने के बाद, मालपुआ को टिश्यू पेपर पर निकाल लें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए ।
स्टेप 5: चाशनी में डुबोना और परोसना
- तले हुए मालपुआ को तुरंत तैयार चाशनी में डालें ।
- मालपुआ को 1-2 मिनट के लिए चाशनी में रहने दें ताकि वे चाशनी को सोख लें।
- चाशनी से निकालकर, मालपुआ को एक सर्विंग प्लेट पर रखें।
- ऊपर से कटे हुए ड्राई फ्रूट्स (जैसे बादाम, पिस्ता) से गार्निश करें ।
परफेक्ट मालपुआ बनाने के लिए कुछ खास टिप्स
- बैटर की कंसिस्टेंसी: बैटर न तो बहुत गाढ़ा होना चाहिए कि वह फैले नहीं, और न ही बहुत पतला कि वह बिखर जाए। यह एक बहने वाली, लेकिन थोड़ी गाढ़ी कंसिस्टेंसी का होना चाहिए ।
- दूध या पानी: पारंपरिक बिहारी मालपुआ दूध से बनता है, लेकिन आप चाहें तो दूध की जगह पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ।
- तलने का तापमान: घी या तेल बहुत ज्यादा गरम नहीं होना चाहिए, वरना मालपुआ बाहर से जल जाएंगे और अंदर से कच्चे रह जाएंगे। मध्यम आंच पर तलने से वे अंदर तक पकते हैं और कुरकुरे बनते हैं।
- आराम का समय: बैटर को थोड़ी देर आराम देने से सूजी (यदि उपयोग की गई हो) अच्छी तरह फूल जाती है, जिससे मालपुआ नरम और फूले हुए बनते हैं ।
निष्कर्ष
दूध के मालपुआ एक ऐसी भारतीय मिठाई है जो न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि त्योहारों और खुशियों का प्रतीक भी है। बिहारी विधि से बने ये मालपुआ अपनी रबड़ी जैसी बनावट और समृद्ध स्वाद के साथ आपके परिवार और दोस्तों को निश्चित रूप से पसंद आएंगे। इस पारंपरिक व्यंजन को घर पर बनाना एक आनंददायक अनुभव है, और इसका स्वादिष्ट परिणाम आपकी मेहनत को सार्थक कर देगा। तो, इस बार किसी खास मौके पर या बस मीठा खाने का मन करे तो इस आसान विधि से बिहारी मालपुआ जरूर बनाएं!
